
ज़िन्दगी को
क्या सेक्या बना दिया,
हर फूल हमने
उसके होठो पर
सज़ा दिया,
अब तो वक्त भी
रूठ गया हो जैसे,
तभी तो उसने
हमे तो खिलौना बना दिया.................................|
हर फूल हमने
उसके होठो पर
सज़ा दिया,
अब तो वक्त भी
रूठ गया हो जैसे,
तभी तो उसने
हमे तो खिलौना बना दिया.................................|